"IIT रुड़की की बड़ी खोज: इमली के बीजों में मिला चिकनगुनिया का संभावित इलाज!"
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की के वैज्ञानिकों ने चिकनगुनिया वायरस के उपचार में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने इमली के बीजों में पाए जाने वाले एक प्रोटीन की खोज की है, जो चिकनगुनिया वायरस के संक्रमण को रोकने में सक्षम हो सकता है।
मुख्य बिंदु:
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इमली के बीज का प्रोटीन (टैमरीन चिटिनेज़-लाइक लेक्टिन - TCLL): यह प्रोटीन चिकनगुनिया वायरस की सतह पर मौजूद N-एसिटाइलग्लूकोसामिन (NAG) शुगर अणु से बंधता है, जिससे वायरस का होस्ट कोशिकाओं से जुड़ना और संक्रमण फैलाना बाधित होता है।
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प्रयोगशाला में सफलता: TCLL प्रोटीन और वायरस को 30 मिनट तक इन्क्यूबेट करने के बाद, वायरस की संक्रमण क्षमता में 64% तक की कमी देखी गई, और संक्रमित कोशिकाओं में वायरस RNA स्तर लगभग 45% कम हो गया।
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भविष्य की योजना: शोधकर्ताओं ने इस प्रोटीन आधारित एंटीवायरल यौगिक के लिए पेटेंट फाइल किया है और अब इमली आधारित चिकनगुनिया उपचार विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
यह खोज चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

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